चित्तौड़गढ़:
गंगरार थाना पुलिस ने एक अपहरण व फिरौती की गुत्थी सुलझाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है तथा अपहृत क्लिनिक संचालक को सुरक्षित बरामद कर लिया है। यह मामला एक मरीज की कथित गलत इंजेक्शन से हुई मृत्यु के बाद शुरू हुआ, जिसे बहाना बनाकर आरोपियों ने क्लिनिक संचालक को अगवा कर उसकी पत्नी से पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। wrong injection inject to patient died five lakh demand
घटना का विवरण:
चित्तौड़गढ़ के चंदेरिया क्षेत्र निवासी मीता मंडल ने 22 अप्रैल को चंदेरिया थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसके पति राकेश मंडल, जो बोरदा में क्लिनिक चलाते हैं, 21 अप्रैल को रोज़ की तरह अपने क्लिनिक पर गए थे। रात लगभग 1 बजे राकेश के मोबाइल से एक वॉइस कॉल आया, जिसमें बताया गया कि उनसे गलत इंजेक्शन लग गया है जिससे एक मरीज की मौत हो गई है, और अब कुछ लोग उनसे पांच लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। लगातार कॉल कर धमकियां दी जा रही थीं और बताया गया कि राकेश का अपहरण कर लिया गया है।
पुलिस ने रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए राकेश मंडल की तलाश शुरू की और उन्हें घायल अवस्था में दस्तयाब किया। उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया।
जांच और गिरफ्तारी:
घटना की गंभीरता को देखते हुए एएसपी सरिता सिंह और डीएसपी प्रभुलाल कुमावत के निर्देशन में गंगरार थानाधिकारी डीपी दाधीच ने एक विशेष टीम गठित की। टीम ने गहन छानबीन करते हुए सोमवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम इस प्रकार हैं: wrong injection inject to patient died five lakh demand
मुकेश उर्फ कमलेश गुर्जर (23 वर्ष) – निवासी बोरदा, गंगरार
रोहित ओढ (20 वर्ष) – निवासी रिठोला, हाल हाउसिंग बोर्ड, चित्तौड़गढ़
भावेश बारेठ (20 वर्ष) – निवासी मीणों का कंथारिया, शंभूपुरा
अर्जुनगिरी भारती (25 वर्ष) – निवासी कचूमरा, निकुंभ
भैरूसिंह राजपूत (25 वर्ष) – निवासी बनाकियां कलां, कपासन
वारदात का तरीका:
मुख्य आरोपी मुकेश गुर्जर अक्सर राकेश मंडल के क्लिनिक पर आता-जाता था और उसे राकेश की आय के बारे में जानकारी थी। जब उसने देखा कि राकेश ने चंदेरिया में अच्छा मकान बना लिया है, तो उसने यह अनुमान लगा लिया कि उसके पास काफी पैसा है। इसी लालच में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक योजना बनाई।
रात को एक सुनसान जगह पर बिना नंबर की स्कॉर्पियो कार से राकेश मंडल को रोककर अगवा कर लिया गया। उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर मारपीट की गई और पैर तक तोड़ दिया गया। राकेश के मोबाइल से ही उसकी पत्नी को वॉइस कॉल कर फिरौती की मांग की गई। पैसे न मिलने पर राकेश को घायल अवस्था में सुनसान जगह पर छोड़ दिया गया।
पुलिस का बयान:
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि यह घटना पूरी तरह से लालच और मौज-मस्ती के लिए रची गई थी। आरोपियों को लगा कि अपहरण के जरिए वे मोटी रकम हासिल कर गाड़ी खरीद सकते हैं और ऐश कर सकते हैं। मामले की आगे जांच जारी है।