ड्रग तस्कर चिमाराम जाट गिरफ्तार: पांच बार कर चुका पुलिस पर फायरिंग, एक लाख का इनामी था आरोपी
जोधपुर — राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर एक होटल से पुलिस ने ऑपरेशन ‘झंकार’ के तहत छह साल से फरार और एक लाख रुपए के इनामी कुख्यात तस्कर चिमाराम जाट को गिरफ्तार किया है। आरोपी ड्रग्स की डिलीवरी लेने ट्रक से बेंगलुरु से पहुंचा था। पुलिस ने खुद को तस्कर बताकर उसे जाल में फंसाया और दबोच लिया।
आईजी रेंज जोधपुर विकास कुमार के अनुसार, चिमाराम बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र के लीलसर गांव का निवासी है। वर्ष 2019 से फरार चल रहे चिमाराम पर उदयपुर व जोधपुर रेंज की ओर से 50-50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। अब तक उसके खिलाफ 15 आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें पुलिस पर फायरिंग और ड्रग्स तस्करी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
ट्रक में छिपकर की फरारी, मोबाइल ट्रैक कर पकड़ा
पुलिस की स्पेशल साइक्लोनर टीम ने तकनीकी निगरानी से चिमाराम के मोबाइल को ट्रेस किया। वह बेंगलुरु से संपर्क कर दो दिन बाद ड्रग्स लेने आने वाला था। महाराष्ट्र से एमपी तक उसकी ट्रक की तलाश की गई। अंततः राजस्थान-एमपी सीमा पर एक होटल में पुलिस ने खुद को तस्कर बताकर संपर्क किया और चिमाराम को गिरफ्तार कर लिया।
तस्करी में बना एस्कॉर्ट स्पेशलिस्ट
शुरुआत में ट्रैक्टर व टैंकर चलाने वाला चिमाराम अपनी ड्राइविंग स्किल्स के चलते बड़े तस्करों की नजर में आया। विरदाराम, श्रीराम बिश्नोई, कौशलाराम और खरथाराम जैसे कुख्यात तस्करों के लिए वह एस्कॉर्टिंग करने लगा। उसकी मांग इतनी बढ़ गई कि उसकी एस्कॉर्टिंग के लिए बोली लगाई जाने लगी। एक चक्कर के लिए उसे 20 हजार से एक लाख रुपए तक मिलते थे।
चार बार पुलिस पर की फायरिंग
चिमाराम ने वर्ष 2015 में धोरीमन्ना, 2016 में बाड़मेर सदर, 2018 में नागाणा और 2019 में सुमेरपुर में पुलिस पर फायरिंग की थी। वह खरथाराम के घर हुई गोलीबारी में भी आरोपी है।
गिरफ्तारी में शामिल अधिकारी
इस कार्रवाई में एसआई कन्हैयालाल, नेमाराम, देवाराम बिश्नोई, प्रमित चौहान, हेड कांस्टेबल गजराजसिंह, महेन्द्र कुमार, कांस्टेबल महिपाल सिंह, मनीष परमार, राकेश, अशोक कुमार और अशोक परिहार की भूमिका रही।