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बड़ी सादड़ी : टीसी विवाद को लेकर स्कूल प्रिंसिपल से मारपीट और गिरफ्तारी का आरोप

बड़ी सादड़ी, जिला चित्तौड़गढ़ (राजस्थान): शहर के एक निजी विद्यालय के प्रधानाचार्य (प्रिंसिपल) द्वारा पुलिस पर मारपीट और अवैध गिरफ्तारी का गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद क्षेत्र में शिक्षा से जुड़े लोगों में रोष व्याप्त है। यह मामला एक छात्र के ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) को लेकर हुए विवाद से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने बिना उचित जांच के प्रिंसिपल के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें हिरासत में ले लिया।

इस घटना के विरोध में शुक्रवार को बड़ी सादड़ी क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के संचालकों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने एकजुट होकर उपखंड अधिकारी (एसडीएम) प्रवीण कुमार को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मांग की गई है कि पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी शिक्षक या शैक्षणिक संस्था के साथ इस प्रकार का व्यवहार न हो।

घटना की पृष्ठभूमि
बताया जा रहा है कि एक छात्र के टीसी को लेकर विद्यालय और छात्र के अभिभावकों के बीच विवाद हुआ था। मामला जब सुलझ नहीं पाया, तो अभिभावकों ने पुलिस से संपर्क किया। आरोप है कि बिना विद्यालय पक्ष की बात सुने, पुलिस मौके पर पहुंची और विद्यालय प्रबंधन से अभद्रता की। प्रिंसिपल ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें थाने ले जाकर जबरन हिरासत में रखा।

इस कथित पुलिस कार्रवाई से आहत होकर प्रिंसिपल और अन्य स्कूल संचालकों ने इसे शिक्षा जगत की गरिमा के खिलाफ बताया है। ज्ञापन में लिखा गया है कि विद्यालय प्रशासन को बिना सूचना या वारंट के थाने ले जाना न केवल अवैध है, बल्कि यह शिक्षकों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला भी है।

शिक्षकों की चिंता और मांगें
ज्ञापन सौंपने आए शिक्षकों ने प्रशासन के समक्ष यह चिंता भी जताई कि यदि ऐसे मामलों में पुलिस की मनमानी जारी रही, तो स्कूलों का संचालन करना कठिन हो जाएगा। शिक्षक समाज में एक आदर्श के रूप में देखा जाता है, और उनके साथ ऐसा व्यवहार उनके आत्मसम्मान और मनोबल को प्रभावित कर सकता है।

उन्होंने मांग की कि

1. पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
2. दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
3. भविष्य में शिक्षकों के साथ ऐसा व्यवहार न हो, इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
4. स्कूलों को प्रशासनिक संरक्षण प्रदान किया जाए, ताकि वे स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
उपखंड अधिकारी प्रवीण कुमार ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वे ज्ञापन को संबंधित उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की जाएगी।