राजस्थान के चित्तौरगढ़ जिले के गंगरार तहसील के सालेरा गांव में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें स्कूल के प्रधानाध्यापक और एक महिला शिक्षिका अभद्र और अश्लील हरकतें करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर फैलते ही ग्रामीणों में आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी। कई ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरा गुस्सा जताया और यहां तक कह दिया कि ऐसे शिक्षकों को गोली मार देनी चाहिए। इस वीडियो ने न केवल शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार किया, बल्कि पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र में आक्रोश फैलाया है।such teachers should be shot
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश उत्पन्न हो गया। शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण एकजुट होकर थाना प्रभारी और उपखंड अधिकारी से मिलने पहुंचे और एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने इस शर्मनाक घटना के आरोपियों, शिक्षक और शिक्षिका, को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की घटनाएं न केवल शिक्षा के माहौल को खराब करती हैं, बल्कि बच्चों के मानसिक और शैक्षिक विकास पर भी गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षा संस्थानों में इस प्रकार के अनुशासनहीन और असंवेदनशील व्यवहार को सहन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह समाज में गलत संदेश भेजता है। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह के कृत्यों को करने की हिम्मत न जुटा सके।
हेडमास्टर और महिला टीचर की अश्लील हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और सोमवार को जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम स्कूल भेजी गई। वहीं, रविवार को शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शाला के कार्यवाहक प्रधान और महिला शिक्षक को निलंबित कर दिया।
चित्तौड़गढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) राजेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हें ईमेल के माध्यम से यह वीडियो प्राप्त हुए, जिनमें शाला प्रधान अरविंद नाथ व्यास और एक महिला शिक्षक कथित तौर पर आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे हैं। वीडियो के आधार पर शिक्षा विभाग ने त्वरित कदम उठाए और दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम ने घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों का कहना है कि संस्था प्रधान का यह अनुशासनहीन रवैया कई दिनों से चल रहा था। जब उन्हें पहले इस तरह के व्यवहार से बाज आने के लिए समझाया गया, तो वह अपनी हैसियत और उच्च स्तरीय संपर्कों का हवाला देकर ग्रामीणों को धमकाता था। उल्टे, वह ग्रामीणों को ही डराने-धमकाने का काम करता था।
सूचना के अनुसार, संस्था प्रधान की इस गंदी हरकत का पर्दाफाश तब हुआ, जब ग्रामीणों ने स्कूल में एक खुफिया कैमरा लगवाया। इस कैमरे के माध्यम से उनकी आपत्तिजनक गतिविधियां रिकॉर्ड की गईं, जिससे उनकी करतूत सामने आई। प्रधान के इस कृत्य का खुलासा होते ही ग्रामीणों में गुस्से का माहौल बन गया और उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
स्कूल के दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरों से कई वीडियो वायरल हुए हैं, जो दोनों आरोपी शिक्षकों की अश्लील हरकतों को बयां करते हैं। इन वीडियो में शिक्षक और शिक्षिका अलग-अलग कपड़े पहने हुए दिखे, लेकिन उनकी हरकतों में कोई बदलाव नहीं आया। वे कभी दफ्तर के एक कोने में तो कभी दूसरे कोने में अपने अनुशासनहीन कार्यों में लिप्त पाए गए।
यह भी देखा गया कि जब अन्य महिला शिक्षक उनके पास आतीं, तो दोनों आक्रामक रूप से रुक जाते और थोड़ा झिझकते हुए दिखाई देते। हालांकि, जैसे ही वह महिला शिक्षक वहां से चली जातीं, दोनों फिर से अपनी हरकतों में मस्त हो जाते। इन वीडियो से यह स्पष्ट हुआ कि ये शिक्षक अपने अनुशासनहीन व्यवहार से बाज नहीं आ रहे थे, और उनकी अश्लील गतिविधियां किसी भी समय जारी रहती थीं।
ग्रामीणों द्वारा लगाए गए खुफिया कैमरे ने उनकी करतूतों को कैमरे में कैद कर लिया, जिसके बाद उनकी शर्मनाक हरकतें सामने आ गईं। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि ऐसे व्यक्तियों का स्कूल में रहना बच्चों और समाज के लिए खतरे की घंटी है।