चितौड़गढ़, राजस्थान – श्रद्धा के कई रूप होते हैं, लेकिन श्री सांवलिया सेठ मंदिर में हाल ही में चढ़ाया गया एक चढ़ावा सबको चौंका गया। एक अज्ञात भक्त ने मंदिर में चांदी की बनी बंदूक और गोली भेंट कर सबका ध्यान आकर्षित किया है। यह पहली बार है जब किसी ने इस तरह की अनोखी वस्तुएं मंदिर में अर्पित की हैं।
करीब 500 ग्राम वजनी यह चांदी की बंदूक, न केवल बारीकी से गढ़ी गई है, बल्कि इसके साथ चांदी की एक गोली और दो चांदी की लहसुन भी अर्पित की गई हैं। यह चढ़ावा मंदिर में चर्चा का विषय बन गया है और भक्तों के बीच कौतूहल का केंद्र बना हुआ है।
पहचान गुप्त, श्रद्धा गहरी
इस अनोखी भेंट को देने वाले भक्त ने अपनी पहचान उजागर नहीं की है। मंदिर प्रशासन ने इस चढ़ावे को भक्ति का नया प्रतीक बताते हुए मंदिर के भंडार में इसे सुरक्षित रख लिया है। उनका मानना है कि यह चढ़ावा किसी भक्त की भगवान से सुरक्षा और शक्ति की प्रार्थना का प्रतीक हो सकता है।
आस्था के बदलते रूप
श्री सांवलिया सेठ मंदिर में भक्त वर्षों से अपनी मन्नत पूरी होने पर अनोखे तरीके से आभार प्रकट करते रहे हैं — किसी ने चांदी का मोबाइल अर्पित किया, तो किसी ने ट्रैक्टर, मकान, या पेट्रोल पंप तक चढ़ा दिए। कई भक्त अपनी पूरी फसल भी भगवान को समर्पित करते हैं। लेकिन चांदी की बंदूक और गोली की यह भेंट अब तक की सबसे अलग और चर्चित पेशकश बन चुकी है।
कुछ लोग इसे शक्ति, सुरक्षा और आत्मबल का प्रतीक मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे आस्था की रचनात्मकता और समय के साथ बदलती भक्ति-परंपरा के रूप में देख रहे हैं।
सांवलिया सेठ मंदिर की महिमा
राजस्थान के चितौड़गढ़ जिले में स्थित यह मंदिर देश के प्रमुख और ऐतिहासिक तीर्थस्थलों में से एक है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, और प्रतिमाह करोड़ों का चढ़ावा चढ़ता है। यह अनोखा चढ़ावा मंदिर की समृद्ध परंपरा में एक नया अध्याय जोड़ता है, और यह दर्शाता है कि भक्ति की भाषा समय के साथ कैसे बदलती है — लेकिन उसकी गहराई हमेशा एक जैसी रहती है।
श्री सांवलिया सेठ मंदिर, मंडफिया की तिजोरी बुधवार (चतुर्दशी) को खोली गई। मंदिर प्रशासन द्वारा शुरू की गई गणना में पहले ही दिन भक्तों द्वारा अर्पित चढ़ावे में 7.15 करोड़ की राशि प्राप्त हुई। यह भव्य मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, जहां हर माह बड़ी संख्या में भक्ति-भाव से चढ़ावा अर्पित किया जाता है। मंदिर की तिजोरी समय-समय पर खोली जाती है और चढ़ावे की गिनती प्रशासन की निगरानी में की जाती है। इस बार भी चतुर्दशी के शुभ अवसर पर तिजोरी खोलकर चढ़ावे की गणना शुरू की गई, जिसमें पहले ही दिन करोड़ों की राशि सामने आई। मंदिर प्रशासन इसे भक्तों की बढ़ती आस्था और विश्वास का प्रतीक मान रहा है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में कुल चढ़ावे की राशि और भी अधिक हो सकती है।