राजस्थान सरकार ने हाल ही में 260 सरकारी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में जारी किए गए इस फरमान के तहत, कम नामांकन वाले स्कूलों को आपस में मर्ज करने का आदेश दिया गया है। इसका उद्देश्य सरकार के वित्तीय भार को कम करना है, लेकिन इस निर्णय से कई सवाल उठ रहे हैं।Rajasthan government closed 260 government schools
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्कूलों में नामांकन कम क्यों हो रहा है? यह संकेत देता है कि कहीं न कहीं शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में कमी है। शिक्षकों की कमी, सुविधाओं की अनियमितता और अन्य प्रशासनिक समस्याएं इन स्कूलों में बच्चों का नामांकन घटने के कारण हो सकती हैं।
सरकार का यह कदम भले ही वित्तीय दबाव को कम करने के लिए उठाया गया हो, लेकिन इससे सबसे अधिक नुकसान ग्रामीण अंचल के बच्चों को होगा, जो पहले से ही बेहतर शिक्षा से वंचित हैं। बंद किए गए स्कूलों के कारण इन बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिक दूर यात्रा करनी पड़ेगी, जिससे उनकी शिक्षा में और भी विघ्न आएगा।