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राजस्थान के इस मंदिर में रुपयों का बटता प्रसाद

राजस्थान के एक मंदिर में एक अनोखी परंपरा है, जहां श्रद्धालु रुपयों का प्रसाद चढ़ाते हैं। यह मंदिर खास तौर पर अपने इस अद्वितीय रिवाज के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें भक्त अपनी श्रद्धा और आस्था से सिक्के और नोट चढ़ाते हैं। इन रुपयों को बाद में मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों में वितरित किया जाता है। Prasad of rupees distributed in this temple of Rajasthan

राजस्थान के बनोड़ा बाला जी मंदिर में एक अनोखी परंपरा है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। यह मंदिर लक्ष्मी का मंदिर माना जाता है, जहां देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिर का पट वर्ष में केवल दो बार खोला जाता है, और इन खास अवसरों पर भक्तों की उपस्थिति और श्रद्धा अत्यधिक होती है। पट खुलने के बाद, मंदिर में एक विशेष रिवाज के तहत रुपयों का प्रसाद वितरित किया जाता है।

यह प्रसाद रूपी रुपयों को भक्तों में बांटा जाता है, और यह परंपरा मंदिर से जुड़ी एक खास धार्मिक मान्यता का हिस्सा है। इसे मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं में प्रसन्नता और आशीर्वाद के रूप में वितरित किया जाता है। इस परंपरा का उद्देश्य न केवल आस्थावान लोगों को धर्म से जोड़ना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद आर्थिक समृद्धि की दिशा में मदद करता है।

भारत में एक ऐसा अद्वितीय मंदिर है, जहां प्रसाद के रूप में धन बांटा जाता है, और यह परंपरा अन्य किसी मंदिर में देखने को नहीं मिलती। यह मंदिर राजस्थान के बनोड़ा में स्थित है, जिसे बानोड़ा बालाजी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर का विशेष महत्व है क्योंकि यहां दर्शन के समय श्रद्धालुओं को लक्ष्मी के रूप में रुपयों और सिक्कों का वितरण किया जाता है। यह मंदिर साल में केवल दो बार खुलता है, और इन खास अवसरों पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं।

बानोड़ा बालाजी के महंत पंडित कैलाश शर्मा की देखरेख में मंदिर की पूजा-अर्चना होती है, और इसके बाद लक्ष्मी वितरण का कार्य शुरू होता है। श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में विभिन्न denominations के नोट और सिक्के दिए जाते हैं, जैसे 1, 2, 5 और 10 के सिक्के, और 5, 10, 20, 50, 100, 500 रुपए के नोट। यह वितरण अनियमित रूप से होता है, यानी हर व्यक्ति को कितने नोट और सिक्के मिलेंगे, यह पहले से तय नहीं होता। इस प्रकार, हर श्रद्धालु को उसकी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार प्रसाद मिलता है।

यह मंदिर अपनी अनूठी परंपराओं और अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ दर्शन करने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं, और यह एक अत्यधिक आस्थावान स्थल बन चुका है। इस मंदिर का उद्देश्य केवल भक्तों को आशीर्वाद देना नहीं, बल्कि आर्थिक समृद्धि की दिशा में लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्रदान करना है। बानोड़ा बालाजी मंदिर की यह विशेषता इसे अन्य मंदिरों से एकदम अलग और खास बनाती है।

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