चित्तौड़गढ़ के 150 गांवों में जहरीला पानी बन रहा है बीमारी की जड़, बच्चों में ब्लू बेबी सिंड्रोम और वयस्कों में लीवर-किडनी खराब होने का खतरा
चित्तौड़गढ़ जिले के लगभग 150 गांवों में पेयजल में नाइट्रेट की अत्यधिक मात्रा चिंता का विषय बन चुकी है। इस जहरीले पानी से बच्चों में “ब्लू बेबी सिंड्रोम” जैसी गंभीर बीमारी का खतरा है, जबकि वयस्कों में लीवर और किडनी की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। nitrate level high in sarthla village
राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कई गांवों के भूमिगत जल में नाइट्रेट की मात्रा तय मानक (45 मिलीग्राम प्रति लीटर) से 12 गुना तक अधिक पाई गई है। उदाहरण के तौर पर, पारी खेड़ा गांव में नाइट्रेट का स्तर 525 मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज किया गया, जबकि शिव नगर में यह 365, पांडेडा में 342 और पैरों का खेड़ा में 353 मिलीग्राम तक पाया गया है।nitrate level high in sarthla village
गांवों में फिल्टर की नहीं व्यवस्था, हैंडपंप और ट्यूबवेल बना सहारा
ग्रामीण क्षेत्रों में फिल्टरेशन की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है, जिससे लोग सीधे हैंडपंप और ट्यूबवेल से पानी पीने को मजबूर हैं। यही पानी नाइट्रेट के कारण जानलेवा बनता जा रहा है।
रासायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग का असर
नाइट्रेट की अधिकता का मुख्य कारण खेतों में यूरिया जैसे रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग है। इन उर्वरकों के कारण नाइट्रेट जमीन से पानी में मिलकर उसे दूषित कर रहा है। इसके अलावा, यह मछली पालन और कृषि भूमि की उत्पादकता पर भी नकारात्मक असर डाल रहा है।
नाइट्रेट: खतरनाक रसायन
नाइट्रेट मुख्य रूप से अकार्बनिक होता है और यह एक ऑक्सीडाइजिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है। औद्योगिक रूप से इसका इस्तेमाल विस्फोटक, कांच निर्माण और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में होता है। हालांकि सब्जियों के जरिए मनुष्य नाइट्रेट का सेवन करता है, लेकिन यह कम मात्रा में नाइट्राइट में बदलता है, जिससे खतरा अपेक्षाकृत कम होता है। मगर दूषित पानी से सीधे नाइट्रेट लेने से खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
जल्द कदम नहीं उठाए तो खतरा और बढ़ेगा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार पानी में 45 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नाइट्रेट का स्तर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जिले के कई गांवों में यह स्तर 500 मिलीग्राम तक पहुंच चुका है। अगर जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो यहां की बड़ी आबादी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकती है।