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वृक्षारोपण पर सरकार सख्त सरपंच अधिकारिओ पर गिर सकती गाज

 ‘कागजी हरियाली’ नहीं चलेगी: राजस्थान में पौधारोपण की होगी ईडी-इनकम टैक्स जैसी जांच, तीन एजेंसियां करेंगी ग्राउंड ऑडिट

चितौड़गढ़ – राजस्थान सरकार इस बार सिर्फ आंकड़ों में नहीं, धरातल पर असली हरियाली देखने को लेकर पूरी तरह सख्त हो गई है। पौधारोपण अभियान की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी पहल करते हुए जांच प्रक्रिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और इनकम टैक्स जैसी गोपनीयता और सख्ती से अंजाम देने का फैसला किया है।FOREST DEVELOPMENT GOVT. STRICT

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने चितौड़गढ़ दौरे के दौरान इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि अब जांच टीमों को *बंद लिफाफों में* निरीक्षण स्थलों की जानकारी दी जाएगी ताकि स्थानीय प्रशासन और सरपंचों को पूर्व सूचना न मिल सके।

 10 करोड़ पौधों का लक्ष्य, अब तक लगे 7.91 करोड़

सरकार का लक्ष्य इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाने का है, जिसमें से अब तक 7.91 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। हालांकि, सरकार अब केवल संख्याओं से संतुष्ट नहीं है — वह पौधों की वास्तविक स्थिति पर जोर दे रही है।

त्रि-स्तरीय निगरानी: ये एजेंसियां करेंगी ऑडिट

पौधारोपण की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तीन स्वतंत्र एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है:

1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल
2. सेंटर फॉर डेवलपमेंट कम्युनिकेशन एंड स्टडीज, जयपुर
3. एरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, जोधपुर

ये एजेंसियां प्रदेश की 300 से अधिक साइट्स पर जाकर पौधों की जीवितता, वृद्धि और रखरखाव का भौतिक सत्यापन करेंगी। यानी अब सिर्फ गड्ढे खोदकर या फोटो खिंचवाकर पौधारोपण दिखाना संभव नहीं होगा।

मंत्री की चेतावनी: दिखावा नहीं चलेगा

मंत्री संजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि “अब सिर्फ दिखावे के पौधारोपण से काम नहीं चलेगा। जो पौधे लगाए गए हैं, वे जिंदा हैं या नहीं, ये अब ग्राउंड रियलिटी से तय होगा।”

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हरियालो राजस्थान पोर्टल पर प्रत्येक पौधे की जियो टैग्ड फोटो अपलोड की जा रही है, जिससे पूरे अभियान में पारदर्शिता बनी रहे।

लापरवाही पर गिर सकती है गाज

राज्य सरकार के इस नए सख्त रुख के बाद संभावना है कि यदि कहीं भी गड़बड़ी या लापरवाही पाई गई, तो सरपंचों और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई तय है।