डबोक थाना क्षेत्र में 17 अप्रैल को फिल्मी अंदाज़ में हुई चांदी के आभूषणों की बड़ी लूट का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने महाराष्ट्र की एक शातिर गैंग के मुख्य सरगना सहित कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों के साथ-साथ चोरी का माल खरीदने वाला एक सुनार भी शामिल है।
एसपी योगेश गोयल ने प्रेस वार्ता में बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से लूटी गई 15 किलो 271 ग्राम चांदी, वारदात में प्रयुक्त हथियार (फरसा और गुप्ती), एक मोटरसाइकिल और एक कार बरामद की है। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं—
नरेश उर्फ रोहित गायरी (25) – मुख्य आरोपी
सुरेश चन्द्र गायरी (32) – सहयोगी
नितेश शर्मा (34) – महाराष्ट्र गैंग का सरगना
सुजल गायकवाड उर्फ कृष्णा (20) – गिरोह का सदस्य
भरत ओसवाल (52) – पुणे स्थित सुनार, जिसने लूटा गया माल खरीदा
वारदात ऐसे दी गई अंजाम
घटना 17 अप्रैल को मीठानीम, डबोक में चारभुजा ज्वेलर्स के मालिक शिव कुमार सोनी के बेटे अंशुमान के साथ हुई थी। अंशुमान रोज की तरह दुकान से करीब 30 किलो चांदी के जेवरात बैग में भरकर घर जा रहा था, तभी रास्ते में तीन नकाबपोश बदमाशों ने चलती बाइक पर हमला कर उसे गिरा दिया और जानलेवा हमला करते हुए चांदी से भरा बैग लूटकर फरार हो गए।
शुरुआती जांच में डबोक थाना पुलिस ने शिव कुमार की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी अंजना सुखवाल और सीओ मावली मनीष कुमार के सुपरविजन में एसएचओ हुकम सिंह के नेतृत्व में विशेष टीमें गठित की गईं।
ऐसे पकड़ में आए आरोपी
पुलिस टीमों ने 210 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की छानबीन की, जिनमें डबोक, मंगलवाड़, चित्तौड़गढ़, मावली, राजसमंद और बांसवाड़ा तक के फुटेज शामिल थे। तकनीकी विश्लेषण और रूट चार्टिंग के बाद यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं। इसके बाद पुलिस की टीमें लगातार 20 दिनों तक महाराष्ट्र के बारामती और गुजरात के तापी में कैंप करती रहीं।
आखिरकार, मुख्य आरोपी नरेश सहित पांचों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में नरेश, नितेश और सुजल ने वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार की। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि लूटा गया माल भरत ओसवाल को बेचा गया था।
फरार हैं तीन आरोपी
फिलहाल पुलिस तीन फरार आरोपियों—आदित्य पवार उर्फ एपी, गणेश सत्यवान लाडगे और समीर शाह—की तलाश कर रही है। इनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
इस मामले के खुलासे में डबोक थाने के हेड कांस्टेबल जगदेव भाटी और कांस्टेबल विकास की अहम भूमिका रही। टीम में एसएचओ हुकम सिंह के साथ एएसआई लक्ष्मण लाल, लाल चंद्र, कांस्टेबल दिनेश, हनुमान राम, राम सिंह, सुरेंद्र और साइबर सेल के लोकेश शामिल थे।
पुलिस इस अंतरराज्यीय गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयासरत है।