राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में सालेरा गाव् के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और महिला टीचर को अश्लील हरकतें करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर उनका आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद की गई। वीडियो में दोनों कर्मचारियों को अनुशासनहीनता और अपमानजनक व्यवहार करते हुए देखा गया, जिसके कारण शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से हटा दिया। fact check of chittorgarh viral teacher
इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर भी वायरल हो गई, जिसे चित्तौड़गढ़ के स्कूल से संबंधित बताया जा रहा था। हालांकि, यह तस्वीर पूरी तरह से भ्रामक और सच्चाई से परे थी। वायरल तस्वीर का महिला टीचर या स्कूल से कोई संबंध नहीं था, और इसे गलत तरीके से फैला दिया गया था।
सोशल मीडिया पर इस वायरल तस्वीर के बारे में कई भ्रामक दावे किए गए थे। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक हैंडल, फन शायरी, ने तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, “चित्तौड़गढ़ की न्यू रिलीज मूवी के कलाकार प्रिंसिपल अरविन्द व्यास और टीचर कांता पांडेय। इनके विरोध में कोई संस्था आए तो बताना।” इसके बाद, ज्योति कलेर नामक एक अन्य यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “यही हैं चित्तौड़गढ़ के अध्यापक और अध्यापिका। गांव वालों के लिए यमराज के यहां कडा़हे में तेल गरम हो रहा।”
इन दावों में पूरी तरह से गलत जानकारी दी गई थी। वायरल तस्वीर का इन दोनों शिक्षकों से कोई संबंध नहीं था, और इसे गलत तरीके से जोड़कर सोशल मीडिया पर फैलाया गया। यह घटना सोशल मीडिया पर अफवाहों के प्रसार को लेकर एक गंभीर मुद्दा बन गई, क्योंकि बिना पुष्टि के किसी भी फोटो या वीडियो को वायरल किया जा सकता है, जो गलतफहमी और भ्रम पैदा कर सकता है।
तस्वीर की सच्चाई?
चित्तौड़गढ़ के सरकारी स्कूल की टीचर बताई जा रही महिला की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च के ‘exact matches’ टूल का उपयोग किया। इस टूल की मदद से हमें पता चला कि यह तस्वीर किसी और महिला की है और इसका चित्तौड़गढ़ के स्कूल या वहां की शिक्षिका से कोई संबंध नहीं है। इस प्रक्रिया ने यह स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर पूरी तरह से भ्रामक और गलत जानकारी पर आधारित थी।
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