युवक, जिनकी ज़िन्दगी परेशानियों से भरी हुई थी, एक दिन अचानक अपने घरवाली से झगड़ा और रिश्तों के तनाव से घिरा हुआ था। उसके पास कोई काम नहीं था, किसी काम के बिना वह रेल में बैठकर महाकुंभ की ओर निकल पड़ा, सोचता हुआ कि कुछ तो बदले। महाकुंभ का विशाल मेला उसे एक नयी दुनिया जैसा लगा, लेकिन उसके लिए सबसे बड़ी परेशानी थी—मुंह की बदबू। जेब में पैसे नहीं थे, और बिना टूथपेस्ट के दांत साफ करना मुश्किल हो रहा था। तभी, एक अजीब सा विचार उसके दिमाग में आया: नीम के दांतों से मुंह साफ किया जा सकता है।
Earned Rs 40,000 from Neem teeth in Maha Kumbh
उसने बिना देर किए, पुराने नीम के दांत जुटाए और उन्हें बेचने का विचार किया। दो रुपये में ये दांत बेचने की शुरुआत की, और एक दिन में वह लगभग 40,000 रुपये कमा बैठा। महाकुंभ, जो पहले उसे एक भाग्यहीन स्थान लगता था, अब उसके लिए एक अद्भुत अवसर बन चुका था







