डूंगला (चित्तौड़गढ़) — डूंगला उपखंड क्षेत्र के एलवा माता मंदिर परिसर में गुरुवार को अफीम किसानों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए, जिन्होंने अफीम खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याओं और मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक के उपरांत किसानों ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उपखंड अधिकारी (एसडीएम) ईश्वरलाल खटीक से मुलाकात की और उन्हें अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा।dungla afim kisan meeting arranged at alva mata
ज्ञापन में किसानों ने सबसे पहले आज़ादी के बाद से अब तक जिन किसानों के अफीम लाइसेंस विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिए गए हैं, उन सभी पुराने लाइसेंसों की बहाली की मांग की। उनका कहना था कि इन लाइसेंसों की समाप्ति ने कई परिवारों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। किसानों का यह भी कहना था कि अफीम खेती कई ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य आय का स्रोत रही है, और लाइसेंस की बहाली से न केवल पुराने किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि युवा पीढ़ी को भी खेती से जोड़ने का अवसर मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, किसानों ने सीपीएस (कंट्रैक्ट फार्मिंग) व्यवस्था को समाप्त करने की भी मांग की। उन्होंने इसे किसान विरोधी बताया और कहा कि यह प्रणाली बिचौलियों को बढ़ावा देती है, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता। किसानों का कहना था कि सरकार को पारंपरिक पद्धति के अनुसार ही अफीम की खेती को प्रोत्साहित करना चाहिए और इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
अंतिम लेकिन महत्त्वपूर्ण मांग के रूप में किसानों ने अफीम के समर्थन मूल्य में वृद्धि की भी पुरज़ोर मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान मूल्य किसानों की मेहनत और लागत के अनुरूप नहीं है। लगातार बढ़ती महंगाई और कृषि लागत को ध्यान में रखते हुए अफीम का मूल्य पुनः निर्धारित किया जाना चाहिए ताकि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके।
ज्ञापन सौंपने के दौरान किसानों ने यह स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे। एसडीएम ईश्वरलाल खटीक ने किसानों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि ज्ञापन को संबंधित उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और यथासंभव सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी।