चित्तौड़गढ़ में खेत में काम कर रहे परिवार पर आसमानी आफत: एक ही परिवार के 8 लोग झुलसे
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में शुक्रवार देर शाम मौसम ने अचानक करवट बदली और एक भयावह घटना सामने आई। मंगलवाड़ थाना क्षेत्र के छीपाखेड़ा गांव में खेत में काम कर रहे एक ही परिवार के आठ सदस्य आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। हादसे में सभी लोग घायल हो गए, जिन्हें तुरंत उपचार के लिए सांवलियाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सौभाग्य से सभी की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।Due to bijli attack 8 person unconscious
बारिश से बचने के लिए ओढ़ी थी तिरपाल, तभी आ गई आफत
घटना के वक्त परिवार के लोग खेत में सोयाबीन की फसल काटने में जुटे हुए थे। जैसे ही शाम के समय आसमान में बादल घिर आए और तेज बारिश शुरू हो गई, सभी ने खेत में ही तिरपाल ओढ़कर बारिश से बचने की कोशिश की। लेकिन तभी तेज गर्जना और कड़कड़ाहट के साथ अचानक बिजली आकर उन पर गिर गई। इस बिजली गिरने से पूरे परिवार को झटका लगा और वे वहीं गिर पड़े।
ग्रामीणों ने दिखाई तत्परता, समय पर पहुंचाया अस्पताल
हादसे की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को खेत से निकाल कर नजदीकी मंगलवाड़ अस्पताल ले गए। वहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी को बेहतर इलाज के लिए चित्तौड़गढ़ के सांवलियाजी अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार सभी की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।
घटना ने झकझोर दिया ग्रामीण क्षेत्र को
घटना के बाद गांव में भय और चिंता का माहौल बन गया है। गांव के लोग इस बात से सदमे में हैं कि किस तरह एक साधारण शाम एक बड़े हादसे में बदल गई। छीपाखेड़ा निवासी पप्पू बावरी ने बताया कि उनका परिवार फसल कटाई के बाद उसे एकत्र कर रहा था, तभी मौसम अचानक खराब हुआ। उन्होंने बताया कि बारिश से बचने के लिए सभी ने तिरपाल ओढ़ ली थी, लेकिन बिजली गिरने की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
बिजली गिरने की घटनाएं बन रही हैं चिंता का विषय
हर साल मॉनसून के दौरान बिजली गिरने की घटनाएं राजस्थान समेत देश के कई हिस्सों में सामने आती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार खुले मैदान, खेत या ऊंचे स्थानों पर बिजली गिरने की संभावना ज्यादा होती है। ग्रामीण इलाकों में इसको लेकर जागरूकता की कमी के कारण अक्सर जान-माल का नुकसान होता है।
सरकार और प्रशासन से अपेक्षा
इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए ग्रामीणों को बिजली गिरने के खतरे और उससे बचने के उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए। साथ ही सरकार को भी पीड़ित परिवार की सहायता के लिए उचित मुआवजा और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।