राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने न केवल शिक्षा विभाग बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया। एक सरकारी स्कूल के अध्यापक और अध्यापिका ने शिक्षा के मंदिर में अपनी शर्मनाक हरकतों से सभी को हैरान कर दिया। यह घिनौनी घटना स्कूल के प्रिंसिपल के चेंबर में हुई, जहां दोनों शिक्षक-शिक्षिका ने अश्लील गतिविधियों को अंजाम दिया। उनका यह आपत्तिजनक आचरण सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया और बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।CHITTORGARH VIRAL TEACHER SUSPEND
इस घटिया हरकत ने शिक्षा विभाग की छवि को भी धक्का पहुंचाया। शिक्षा का पवित्र स्थल होने के कारण स्कूलों में इस तरह की घटनाएं न केवल कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करती हैं, बल्कि विद्यार्थियों के मानसिक विकास पर भी नकारात्मक असर डालती हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना का फैलना एक गंभीर चेतावनी है कि स्कूलों में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
घटना के सामने आने के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और दोनों दोषी शिक्षकों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया। चित्तौड़गढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। यह कदम इस बात की ओर संकेत करता है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा व्यवस्था में कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और किसी भी शिक्षक-शिक्षिका को इस प्रकार के आचरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह वीडियो कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 18 जनवरी को दोनों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उन्हें 20 जनवरी तक अपना स्पष्टीकरण देने का समय दिया गया। जबकि अध्यापक अरविंद व्यास ने कोई जवाब नहीं दिया, अध्यापिका कांता पाण्डिया ने दावा किया कि वीडियो को एडिट करके वायरल किया गया है। हालांकि, जांच दल ने इस स्पष्टीकरण को नकारते हुए दोनों के कृत्य को घृणित मानते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई की।