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गांव वालो ने कई बार समझाया स्कूल में इश्क़ नहीं लड़ाने को

गांववालों ने कई बार सरकारी टीचर अरविंदनाथ को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी प्रशासनिक शक्तियों और उच्च अधिकारियों तक पहुंच का दबाव बना कर उन्हें डराता था। अरविंदनाथ ने गांववालों को जेल में डालवाने की धमकी दी और अपनी ताकत का दुरुपयोग किया। जब गांववालों ने उसे बताया कि वह स्कूल में जो अश्लील हरकतें कर रहा है, वह गलत है और बच्चों के भविष्य के लिए हानिकारक हैं, तब भी उसने उनकी बातों को नजरअंदाज किया।

गांव के लोग चिंतित थे कि अरविंदनाथ का यह रवैया न केवल बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करेगा, बल्कि उनके मानसिक और भावनात्मक विकास पर भी बुरा असर डाल सकता है। उन्होंने कई बार उसे समझाने की कोशिश की कि शिक्षक का मुख्य कर्तव्य बच्चों को सही मार्गदर्शन देना और उन्हें अच्छे संस्कारों से परिपूर्ण बनाना है, न कि उन्हें गलत चीजों में शामिल करना। लेकिन अरविंदनाथ ने अपनी स्थिति का गलत फायदा उठाया, जिससे गांववाले और ज्यादा परेशान हो गए और अंत में इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का विचार किया।

स्कूल में ‘गंदा काम’ करने वाले मास्टर-मास्टरनी पर चला चाबुक

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने न केवल शिक्षा विभाग बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया। एक सरकारी स्कूल के अध्यापक और अध्यापिका ने शिक्षा के मंदिर में अपनी शर्मनाक हरकतों से सभी को हैरान कर दिया। यह घिनौनी घटना स्कूल के प्रिंसिपल के चेंबर में हुई, जहां दोनों शिक्षक-शिक्षिका ने अश्लील गतिविधियों को अंजाम दिया। उनका यह आपत्तिजनक आचरण सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया और बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।CHITTORGARH VIRAL TEACHER SUSPEND

इस घटिया हरकत ने शिक्षा विभाग की छवि को भी धक्का पहुंचाया। शिक्षा का पवित्र स्थल होने के कारण स्कूलों में इस तरह की घटनाएं न केवल कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करती हैं, बल्कि विद्यार्थियों के मानसिक विकास पर भी नकारात्मक असर डालती हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना का फैलना एक गंभीर चेतावनी है कि स्कूलों में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

घटना के सामने आने के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और दोनों दोषी शिक्षकों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया। चित्तौड़गढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। यह कदम इस बात की ओर संकेत करता है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा व्यवस्था में कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और किसी भी शिक्षक-शिक्षिका को इस प्रकार के आचरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश उत्पन्न हो गया। शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण एकजुट होकर थाना प्रभारी और उपखंड अधिकारी से मिलने पहुंचे और एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने इस शर्मनाक घटना के आरोपियों, शिक्षक और शिक्षिका, को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की घटनाएं न केवल शिक्षा के माहौल को खराब करती हैं, बल्कि बच्चों के मानसिक और शैक्षिक विकास पर भी गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षा संस्थानों में इस प्रकार के अनुशासनहीन और असंवेदनशील व्यवहार को सहन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह समाज में गलत संदेश भेजता है। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह के कृत्यों को करने की हिम्मत न जुटा सके।

हेडमास्टर और महिला टीचर की अश्लील हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और सोमवार को जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम स्कूल भेजी गई। वहीं, रविवार को शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शाला के कार्यवाहक प्रधान और महिला शिक्षक को निलंबित कर दिया।

ऐसे शिक्षकों को गोली मार देनी चाइये ?

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