चित्तौड़गढ़ जिले में सीबीआई जयपुर की टीम ने भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में नारकोटिक्स विभाग नीमच के इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह और दलाल जगदीश मेनारिया को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने एक किसान को झूठे अफीम तस्करी के केस में फंसाने की धमकी देकर एक करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी।cbi arrestred narcotics inspector and middle man
किसान को फंसाने की धमकी
डूंगला तहसील के आलाखेड़ी गांव निवासी किसान मांगीलाल गुर्जर ने 15 जुलाई को सीबीआई में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के अनुसार, दलाल जगदीश मेनारिया ने दावा किया कि नारकोटिक्स विभाग ने मांगीलाल के खेत से 400 किलो डोडाचूरा बरामद किया है। इसके आधार पर इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह ने किसान और उसके परिवार को केस में न फंसाने के बदले एक करोड़ रुपये की मांग की।
तीन किस्तों में दिए 44 लाख रुपये
किसान ने बताया कि उसने दलाल के माध्यम से अब तक 44 लाख रुपये तीन अलग-अलग किश्तों में दिए थे। इसके बावजूद 13 जुलाई को जगदीश मेनारिया ने फिर 9 लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की। इससे परेशान होकर मांगीलाल ने सीबीआई से संपर्क किया।
CBI ने रची गिरफ्तारी की योजना
शिकायत के बाद सीबीआई जयपुर ने एक योजना के तहत गुरुवार रात (17 जुलाई) को कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर महेन्द्र सिंह को उज्जैन से और दलाल जगदीश मेनारिया को मण्डफिया क्षेत्र से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों को चित्तौड़गढ़ न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगा गया है।
भ्रष्टाचार की विस्तृत जांच
सीबीआई ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 7A और धारा 61(2) के तहत FIR दर्ज की है। मामले की जांच सीबीआई जयपुर के भ्रष्टाचार शाखा के पुलिस उपाधीक्षक कमलेश चन्द्र तिवारी को सौंपी गई है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि महेन्द्र सिंह ने जयपुर, सीकर और नीमच सहित कई स्थानों पर संपत्तियां अर्जित कर रखी हैं और राज्यभर में अपने एजेंटों के माध्यम से रिश्वत वसूलता है।
पहले भी घिरे रहे हैं नारकोटिक्स अधिकारी
गौरतलब है कि नारकोटिक्स विभाग में पहले भी कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो चुके हैं, जिनमें सीबीआई की कार्रवाई के तहत अधिकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।