विवाह संस्कार विभिन्न समाजों में विविध प्रथाओं और रस्मों के साथ संपन्न होता है। भारत के उदयपुर में एक ऐसी अनूठी परंपरा प्रचलित है, जो बहुत ही दिलचस्प और हैरान करने वाली है। यहां के श्रीमाली समाज में विवाह के दौरान दूल्हा अपनी दुल्हन को गोद में उठाकर फेरे लेता है। यह परंपरा 12 घंटे तक चलने वाली लंबी रस्मों का हिस्सा होती है, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक रीतियाँ पूरी की जाती हैं। आमतौर पर विवाह में सात फेरे लिए जाते हैं, लेकिन यहां आठ फेरे लिए जाते हैं, जो विवाह की पूर्णता का प्रतीक माने जाते हैं।
इस अनूठी परंपरा का इतिहास भगवान श्री कृष्ण और राधा जी से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि जब राधा जी को चोट लगी थी, तब भगवान कृष्ण ने उन्हें अपनी गोदी में उठाया था। उसी घटना के बाद से यह परंपरा उदयपुर के श्रीमाली समाज में विवाह के दौरान दुल्हन को गोदी में उठाने की शुरू हुई। इस रीति को लोग शुभ मानते हैं और इसे भगवान कृष्ण की कृपा के रूप में देखते हैं।
इस परंपरा के माध्यम से न केवल विवाह की खुशी और समृद्धि की कामना की जाती है, बल्कि यह धार्मिक आस्था और सामाजिक मान्यताओं का भी प्रतीक बन चुकी है। विवाह की यह अनूठी रस्म, उदयपुर के श्रीमाली समाज के लिए गर्व और पहचान का कारण बन चुकी है।