Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

सांवलियाजी मंदिर के कार्यक्रम में अश्लील डांस

चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध श्री सांवलियाजी मंदिर में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान एक अप्रिय विवाद सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कार्यक्रम के दौरान मंच पर बहस और हंगामे की स्थिति देखी जा सकती है।

कार्यक्रम में कुछ महिला कलाकारों द्वारा नृत्य प्रस्तुति दी जा रही थी, तभी एक शिक्षक मंच पर पहुंचे और उन्होंने कार्यक्रम की विषयवस्तु पर आपत्ति जताई। उनके अनुसार, प्रस्तुति धार्मिक भावना और भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं थी। उन्होंने कार्यक्रम को तत्काल रोकने की मांग की और कलाकारों से धार्मिक भजनों की प्रस्तुति देने की अपील की।

वीडियो में शिक्षक यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि मंच से केवल सांवलिया सेठ और अन्य संत-महापुरुषों के भजन ही प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने आयोजकों से पूछा कि “आगे की पीढ़ी को क्या सिखाया जा रहा है?” और मंच से अश्लीलता नहीं होने देने की बात कही।

इस टिप्पणी के बाद कार्यक्रम में शामिल कुछ कलाकारों और डांसरों ने आपत्ति जताई, उनका कहना था कि उन्हें आयोजकों की अनुमति और अनुरोध पर ही प्रस्तुति दी गई थी। एक कलाकार ने मंच से कहा कि वह पहले भी धार्मिक और देशभक्ति से जुड़े कई कार्यक्रम कर चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ओम बिरला के सामने भी प्रस्तुति दे चुका है।

विवाद तब और बढ़ गया जब शिक्षक द्वारा की गई एक टिप्पणी को लेकर महिला कलाकारों ने आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि टिप्पणी आपत्तिजनक और अपमानजनक थी, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया और मंच पर बहस व कहासुनी के दृश्य सामने आए।

आयोजकों ने सफाई देते हुए कहा कि प्रस्तुति स्थानीय दर्शकों की मांग पर रखी गई थी और उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।

यह घटना धार्मिक आयोजनों में सांस्कृतिक संतुलन और अभिव्यक्ति की सीमाओं पर एक बार फिर चर्चा को जन्म देती है।