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आलाखेड़ी: गोसेवा नहीं की तो जीवन व्यर्थ – प्रशाशनिक संत

बड़ी सादड़ी उपखंड के आलाखेड़ी गांव स्थित राधे कृष्ण मंदिर में भव्य *15 दिवसीय झूला महोत्सव* का आयोजन किया जा रहा है। इस धार्मिक उत्सव में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की झूले में झुलाने की परंपरा के साथ-साथ कथा, प्रवचन, भजन संध्या, संगीतमय सुंदरकांड पाठ और *‘हरी बोल’* की मधुर धुनों का आयोजन भी किया जा रहा है। AALAKHEDI JULA MAHOTSAV NEWS RK PUROHIT

मंदिर परिसर भक्ति और श्रद्धा के माहौल से सराबोर है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने और धार्मिक आयोजनों में भाग लेने पहुंच रहे हैं। चंदन से सजाए गए झूले में बाल गोपाल को झुलाने की रस्म विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

प्रवचनों की श्रृंखला में *प्रशासनिक संत श्री राकेश जी पुरोहित* विशेष रूप से उपस्थित हुए। उन्होंने अपने प्रवचन में *गौसेवा* के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि – *”जिसने जीवन में गौसेवा नहीं की, उसका जीवन व्यर्थ है।”* संत राकेश जी ने गौसेवा को मानव जीवन की सबसे पवित्र सेवा बताया और श्रद्धालुओं से इसे अपनाने का आह्वान किया।

इस दौरान मंदिर समिति द्वारा गौसेवा में समर्पित कई सेवाभावी व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया, जिससे समाज में गौसेवा के प्रति जागरूकता बढ़े और अन्य लोग भी इससे प्रेरित हो सकें।

झूला महोत्सव में धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। स्थानीय कलाकारों और भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुत भजनों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया है।