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भारत कर रहा ट्रंप की नींद हराम

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर चल रही खींचतान के बीच प्रख्यात कवि और राजनीतिक विश्लेषक डॉ. कुमार विश्वास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की खुलकर सराहना की है। उन्होंने न केवल पीएम मोदी की निर्णय क्षमता और नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की, बल्कि अमेरिका और उसके पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी करारा संदेश दिया कि भारत अब किसी के दबाव में नहीं झुकता।

कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए कहा, “नए-नए जिल्ले सुभानियों से…” — जो एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी थी उन देशों के लिए जो भारत को अब भी पुरानी नजरों से देखने की भूल करते हैं। उनका तात्पर्य था कि भारत अब वैश्विक मंच पर एक आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र बन चुका है, जिसे किसी बाहरी दबाव या धमकी से डिगाया नहीं जा सकता।

भारत और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड डील विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को धमकियों से प्रभावित करना संभव नहीं है। “मोदी उस किस्म के नेता हैं जो चुनौतियों में और निखरते हैं,” विश्वास ने कहा। उनके अनुसार, दबाव की राजनीति अब भारत पर काम नहीं करती क्योंकि आज का भारत निर्णायक नेतृत्व के साथ आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को संबोधित करते हुए कहा कि अगर अमेरिका को व्यापार करना है, तो बराबरी के स्तर पर शर्तें स्वीकार करनी होंगी। “अपनी शर्तें किसी और के लिए रखें। भारत अपने आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं करेगा,” विश्वास ने दो टूक कहा।

कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से ‘पंगा लेना’ आसान नहीं है। उनका आशय था कि मोदी एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाले नेता हैं, जो देशहित के मामलों में किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के सामने झुकने को तैयार नहीं होते।

विश्वास ने पीएम मोदी की कार्यशैली की सराहना करते हुए यह भी जोड़ा कि भारत का विकास किसी देश की मंजूरी पर निर्भर नहीं करता। “भारत की विकास यात्रा निरंतर जारी है और इसमें बाधा डालने की कोशिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा,” उन्होंने कहा।

कुमार विश्वास की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने कुछ व्यापारिक नीतियों पर भारत से पुनर्विचार की मांग की थी। लेकिन विश्वास के शब्दों ने यह साफ कर दिया कि भारत अब ‘विकासशील’ नहीं, बल्कि ‘विकसित’ बनने के रास्ते पर है — एक ऐसा राष्ट्र जो आत्मसम्मान और राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि मानता है।