2022 के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के अनुसार, देश में कुल 14,61,427 कैंसर रोगी हैं। उत्तरप्रदेश 2,10,958 रोगियों के साथ सबसे ऊपर है, जबकि राजस्थान 74,725 रोगियों के साथ कैंसर के मामलों में 7वें स्थान पर है। राजस्थान में कैंसर तेजी से फैल रहा है, और यह चिंता का विषय बन चुका है। राज्य में इस बीमारी के बढ़ते मामले इसे स्वास्थ्य के लिहाज से एक गंभीर समस्या बना रहे हैं, जिससे प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।
आजकल महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर एक सामान्य बीमारी बन गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, हर 4 मिनट में एक महिला इस बीमारी का शिकार हो जाती है। ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों को जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक्सपर्ट चिकित्सकों का कहना है कि यह बीमारी मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, और पारिवारिक इतिहास के कारण होती है। इसके लक्षणों में स्तन में गांठ, त्वचा में बदलाव, और निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज शामिल हो सकते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए नियमित रूप से स्तन परीक्षण करना, हेल्दी डाइट और जीवनशैली को अपनाना, और समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाना जरूरी है। इस तरह के उपायों से ब्रेस्ट कैंसर की पहचान जल्दी की जा सकती है और उपचार में मदद मिलती है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण: स्तन महिलाओं का बाहरी अंग है, और इसमें होने वाले बदलाव महिलाएं आसानी से देख सकती हैं। ब्रेस्ट कैंसर का पता जल्द चलने पर उपचार संभव है। यदि यह बीमारी देर से पकड़ी जाती है, तो इसके कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं जैसे- ब्रेस्ट में दर्द रहित गांठ का होना, निप्पल से रंगीन या बेरंग पानी का डिस्चार्ज होना, निप्पल का अंदर की ओर धंसना, ब्रेस्ट के आकार में बदलाव और बगल में गांठ का उभरना। इन लक्षणों को समय रहते पहचानने से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज जल्द किया जा सकता है। इसलिए, यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।
महिलाएं ऐसे करें जांच
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महिलाएं घर पर शीशे के सामने खड़े होकर ब्रेस्ट की साइज को गौर से देखें. दोनों ब्रेस्ट के आकार में यदि कोई बदलाव है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें
निप्पल में किसी तरह का रंगीन या बेरंग पानी निकल रहा है, तो भी चिकित्सक से परामर्श लें
जांच करते हुए महिलाएं ब्रेस्ट में गांठ को भी महसूस कर सकती हैं. यदि गांठ है, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए
डॉ. के अनुसार, अविवाहित महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है। उन्होंने बताया कि अधिक उम्र में विवाह करना और बच्चे न पैदा करना ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, अगर महिला अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाती है, तो भी कैंसर का खतरा अधिक रहता है। डॉ. शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चे को स्तनपान करवाने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है। यह प्राकृतिक प्रक्रिया महिला के शरीर को लाभ पहुँचाती है और कैंसर से बचाव में मदद कर सकती है। इसलिए, स्तनपान को एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में देखा जा सकता है, जो ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को घटाता है।