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मारसाब ने टूशन पढ़ाया तो होंगे ससपेंड

राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिया गया है कि सरकारी कर्मचारी, विशेष रूप से शिक्षक (मारसाब), अब से निजी तौर पर ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे। गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी ट्यूशन पढ़ाते हुए पाया गया, तो उसे निलंबित कर दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना और सरकारी कर्मचारियों को अपनी मुख्य जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना है। विभाग ने इसे शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी कदम बताया है। Government teacher tution ban

राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार, अब शिक्षा सत्र के शुरू होते ही सरकारी शिक्षक को यह शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा कि वे ट्यूशन नहीं पढ़ाएंगे। शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस संबंध में जानकारी दी कि लंबे समय से यह शिकायतें मिल रही थीं कि कई सरकारी शिक्षक स्कूल के निर्धारित समय के बाद या फिर छुट्टियों में निजी कोचिंग क्लासेस लेते हैं, जिससे स्कूली शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

निदेशक ने यह भी बताया कि इस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं और ट्यूशन पढ़ाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए एक आदेश जारी किया गया है। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया है कि वे अपने विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं से शपथ पत्र प्राप्त करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शिक्षक सरकारी स्कूल के कार्य समय के दौरान या उसके बाद निजी ट्यूशन नहीं पढ़ाए।

इस कदम का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना और छात्रों को बेहतर शिक्षा देने पर ध्यान केंद्रित करना है। अधिकारियों का मानना है कि ट्यूशन पढ़ाने से शिक्षकों का ध्यान मुख्य रूप से अपनी कक्षाओं और सरकारी स्कूलों से हटा रहा है, जो छात्रों की शिक्षा को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इस नियम को लागू किया गया है, ताकि शिक्षा प्रणाली में सुधार हो सके और शिक्षक अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा सकें।

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में यह देखा गया है कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, भौतिकी, रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र और वाणिज्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में ट्यूशन का प्रचलन अत्यधिक बढ़ चुका है। खासतौर पर इन विषयों में निजी ट्यूशन का व्यापार बहुत तेजी से फैल रहा है, जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है।

यह समस्या यह उत्पन्न कर रही है कि कई शिक्षक अपनी पूरी ऊर्जा और समय निजी ट्यूशन क्लासेस में लगा रहे हैं, जिससे वे सरकारी स्कूलों में बच्चों को समर्पित समय और ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। परिणामस्वरूप, छात्रों को उनकी कक्षाओं में आवश्यक शिक्षा और मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए, राजस्थान सरकार ने एक कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। सरकार ने आदेश जारी किया है कि अब से सरकारी स्कूलों में ट्यूशन पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा। यह कदम सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

सरकार का मानना है कि ट्यूशन के प्रभाव से स्कूलों में अध्यापन का स्तर घट रहा है और बच्चों के लिए यह एक अवरोध बन रहा है। इसलिए, यह आदेश शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि शिक्षक अपनी पूरी जिम्मेदारी स्कूलों में निभाएं और छात्रों को समुचित शिक्षा प्रदान करें।

ऐसे शिक्षकों को गोली मार देनी चाइये ?

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